जिस समाचार में मसाला न हो,रोमांच न हो मीडिया आपको नहीं दिखाएगी।
जिस समाचार में मसाला न हो,रोमांच न हो मीडिया आपको नहीं दिखाएगी।कल पूरा दिन टकटकी लगाकर मीडिया अभिनंदन की वापसी को कवर करने बाघा बार्डर पर कैमरा लगाई रही।दो सेकंड के लिए भी कैमरा दूसरी ओर घुमाकर बड़गाम में एमआई-17 हेलीकाॅप्टर क्रैश में शहीद हुए स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ वशिष्ठ और झज्जर के शहीद जवान विक्रांत सहरावत का अंतिम संस्कार देश को नहीं दिखाया।यह न्यूज़ चैनलों का जघन्य अपराध है।इस अपराध के सहभागी हम लोग भी हैं।अभिनंदन की वापसी निसंदेह महत्वपूर्ण खबर थी पर क्या इन शहीदों का कोई मोल नहीं?सिद्धार्थ 2018 में केरल में आई बाढ़ के दौरान रेस्क्यू अभियान के हीरो थे