थोड़ी भी उनमे अक्ल होती तो गठबंधन और टिकट का ऐलान साथ-साथ ही करवा लेते.
भाजपा वालो की चाल ने शेर ए यदुवंश शेर ए समाजवादी योद्धा एक मजबूत जमीनी सपा नेता आदरणीय शिवपाल यादव जिन्हें में बहुत सम्मान करता हु में क्या तमाम देश के समाजवादी लोग चाचा शिवपाल यादव जी को बेइन्तहा प्यार व उनकी इज्जत करते हैं व मसहूर भोजपुरी सिंगर दिनेश लाल यादव निरुआ को भी इन्होंने कही का भी नही छोड़ा व इन्होंने निषाद पार्टी को भी कहीं का नही छोड़ा आज.
बीजेपी वालो ने पहले बाप-बेटे दोनों को मिलाकर कुल 3 टिकट का झांसा ऑफर दिया और तिगडम बाजी कर सपा से दूर करवा दिया।
अब बाप तो दूर बेटे तक को टिकट नहीं दे रही भाजपा..
बाप ने भी अपने टिकट के चक्कर में बेटे की ही बलि चढ़ा दी.
थोड़ी भी उनमे अक्ल होती तो गठबंधन और टिकट का ऐलान साथ-साथ ही करवा लेते.
और पेमेंट तो फौरन ले ही लेना चाहिये था...🤔
लेकिन मुझे शिवपाल यादव जी का हमेसा दुख रहेगा कि उन्होंने गलत लोगो के झांसे में आकर अपनी बड़ी इज्जत सोहरत को बर्बाद कर लिया जबकि वो चुनाव भी ना लड़ते तब भी वो अखिलेश यादव जी के चाचा व प्रोफेसर रामगोपाल यादव जी के अनुज भाई थे उनकी एक हैसियत रहती देश मे लेकिन दल्लो व गलत संगत के लोगो के चक्कर मे आकर चाचा शिवपाल जी की मति बिल्कुल मारी गयी ओर अपनी राजनीति को उन्होंने खुद अपने ही हाथों बर्बाद कर लिया जिसका हमे सदैव दुख रहेगा हमने ओर प्रोफेसर रामगोपाल यादव जी ने उनको सम्मान दिलाने का खूब प्रयास भी किया लेकिन हम उसमें सफल नही हो सके सायद समय ने भी हमारा साथ नही दिया जिसका हमे अफसोस है व सदैव आगे भी अफसोस रहेगा।
समाजसेवी इंजीनियर लख्मीचंद यादव।