जनसंख्या नियंत्रण में लैंगिक अनुपात को भी सही रखना आवश्यक-जय प्रताप सिंह

 



गांव-गांव तक हो परिवार नियोजन का प्रचार,परिवारों में परिवार नियोजन की जानकारी देना समाज की भीजिम्मेदारी ::--जय प्रताप सिंह


परिवार नियोजन के लिए विवाह पूर्व कान्उसलिंग आवश्यक परिवार नियोजन की कार्यशाला में विशेषज्ञों ने महिला सशक्तिकरण, यौन शिक्षा और नवदमपत्तियों में जानकारी के प्रचार पर दिया जोर -स्वाती सिंह



लखनऊः 28जनवरी2020
प्रदेश के चिकित्सा एवं परिवार कल्याण मंत्री जय प्रताप सिंह ने आज कहा कि परिवार नियोजन की सोच को गांव-गांव तक प्रचारित करना आवश्यक है। यह समाज की भी जिम्मेदारी है कि वो अपने परिवारों में परिवार नियोजन की
जानकारी दें। उन्होंने कहा कि आज समाज में जब बहुतायत में एकाकी परिवार प्रणाली विकसित हो गयी है तो परिवार नियोजन के प्रचार को एकाकी परिवारों के बीच भी पहुंचाना होगा। चिकित्सा मंत्री ने कहा परिवार नियोजन के साथ ही कन्या भ्रूण हत्या को भी प्रभावी तौर पर रोकना होगा। उन्होंने कहा किजनसंख्या नियंत्रण में लैंगिक अनुपात को सही रखना भी आवश्यक है।


चिकित्सा मंत्री जय प्रताप सिंह आज यहां गोमती नगर स्थित एक होटल में परिवार नियोजन विषयक ‘स्पेसिंग फार चाइल्ड बर्थ इन यूथ एण्ड लो पैरिटी कपल्स इज सेन्ट्रल टू एमसीएच आउटकम्स’’ पर आयोजित कार्यशाला को बतौर
मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। कार्यशाला में उन्होंने यौन शिक्षा की आवश्यकता, गरीब परिवारों में बच्चों की पढ़ाई के प्रति रूझान पैदा करने तथा युवा दम्पत्तियों के बीच परिवार नियोजन के उपलब्ध साधनों के उपयोग की
जानकारी प्रदान करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।कार्यशाला के द्वितीय सत्र में महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग की राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाती सिंह ने सम्बोधित करते हुए कहा कि परिवार नियोजन के लिए दाम्पत्य जीवन में प्रवेश करने वाले युवाओं की विवाह पूर्व काउंसलिंग अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा पुराने जमाने के बहुत से उन रीति-रिवाजों को समाज से हटाना आवश्यक है, जो स्त्रियों के मानसिक और सामाजिक विकास में बाधक हैं। कार्यशाला में उन्होंने महिलाओं के लिए कार्य कर रही स्वयंसेवी संस्थाओं के कार्यों की जानकारी भी ली।


कार्यशाला में विशेषज्ञ वक्ता डा0 चंद्रमौलि ने चिकितसा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह को यौन शिक्षा की आवश्यकता पर विचार व्यक्त करने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि आज जनसंख्या नियंत्रण की तीव्र आवश्यकता के दृष्टिगत ये विषय और भी महत्वपूर्ण हो गया है। डा0 मंजू ने घर से बाहरनिकलकर कार्य करने वाली स्त्रियों को स्वयं में प्रजनन रोधक बताया। उन्होंने कहा बाहर निकल कर कार्य करने से आत्म विश्वास और स्वयं निर्णयलेने की क्षमता का विकास होता है, जो उनमें संतान उत्पत्ति पर स्वयं फैसला करने की क्षमता का विकास कर देता है। कार्यशाला में मिशन निदेशक
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्री विजय विश्वास पंत सहित कई अन्य विशेषज्ञ वक्ताओं ने भी परिवार नियोजन की आवश्यकता, और जागरूकता हेतु प्रचार-प्रसार पर बल दिया।
कार्यशाला का आयोजन परिवार कल्याण विभाग के कार्यक्रमों में सहयोगी स्वयंसेवी संस्था बिल एण्ड मिलिन्डा गेट्स फाउन्डेशन के तत्वावधान में ममता संस्था द्वारा किया गया।


Popular posts from this blog

अपनी निडरता और क्षत्रिय वंश के कारण की यदुवंशीयों का नाम 'अहीर' यादव.

ब्रेकिंग👉आधुनिक रेल डिब्बा. कारखाना, रायबरेली में हुआ लिटिल चैम्प डांस मुकाबला ::--पढ़े विस्तार से

ब्रेकिंग 👉उत्‍तर रेलवे के महाप्रबंधक ने की कार्य-प्रगति की समीक्षा==:::पढे विस्तार से