प्राथमिक शिक्षकों में बच्चों के प्रति एक माँ की तरह के भाव  होने चाहिये- राज्यपाल


बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं सी0एस0आर0 काॅनक्लेव का समारोह सम्पन्न
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लखनऊः 5 मार्च, 2020
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं सी0एस0आर0 काॅनक्लेव के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि शिक्षकों में बच्चों के प्रति एक माँ की तरह के भाव होने चाहिये। वे बच्चों के साथ माँ की भूमिका निभायें। इससे बच्चों का आत्मबल बढ़ेगा, जो उनके बौद्धिक और मानसिक विकास में सहायक सिद्ध होगा। बच्चों के लिये प्राथमिक शिक्षा एक मजबूत नींव के समान है। उन्होंने कहा कि देश के भविष्य निर्माता बच्चे होते हैं वह जितने प्रबुद्ध और सशक्त होंगे, देश उतना ही अधिक शक्तिशाली होगा। यह तभी सम्भव है जब बुनियादी शिक्षा सुदृढ़ होगी।
राज्यपाल ने कहा कि अध्यापक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दें। स्कूलों में सद्वाक्य लिखें जिसे बच्चे पढ़े और उसे आत्मसात करें। अध्यापक बच्चों को संस्कार वाली शिक्षा दें, जिससे बालक-बालिकाओं में चरित्र की सुदृढ़ नींव पड़े। संस्कारहीन शिक्षा निरर्थक है। राज्यपाल ने कहा कि इसके साथ ही अध्यापकों को बच्चों में सेवाभाव से कार्य करने के संस्कार विकसित करने चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को अक्षर ज्ञान देते समय अर्थ भरे नाम सिखायें। 
श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि उत्तर प्रदेश को वर्ष 2022 तक ‘प्रेरक प्रदेश’ बनाने के लक्ष्य को पूरा करने में सभी लोग अपनी सक्रिय भूमिका निभायें। उन्होंने कहा कि प्रदेश को प्रेरक प्रदेश की राह में आगे ले जाने में सी0एस0आर0 का बहुत बड़ा योगदान होगा।


राज्यपाल ने इस अवसर पर मीना मंच के माध्यम से बेहतर प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं (पावर एंजिल) को ‘मीना प्रेरक पुरस्कार’ तथा सी0एस0आर0 कम्पनियों एवं बैंक प्रतिनिधियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। राज्यपाल ने समारोह में मासिक पत्रिका ‘प्रेरणा’ का विमोचन किया। इससे पहले राज्यपाल ने बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।


प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 सतीश चन्द्र द्विवेदी ने अपने सम्बोधन में कहा कि सरकार का प्रयास है कि सरकारी स्कूलों में इस प्रकार की गुणात्मक शिक्षा दी जाये, जिससे ये स्कूल उच्च वर्ग के लोगों की भी पहली पसन्द बनें। 
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा श्रीमती रेणुका कुमार, विशेष सचिव श्री डी0पी0 सिंह, निदेशक बेसिक शिक्षा श्री सर्वेन्द्र विक्रम सिंह सहित बड़ी संख्या में अध्यापक, बच्चे और अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। 
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