प्रदेश के पर्यटन स्थलों को मूलभूत सुविधाओं के साथ विकसित करने की आवश्यकता - राज्यपाल


राज्यपाल के समक्ष उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग का प्रस्तुतीकरण, दयालबाग के राधास्वामी मन्दिर को आध्यात्मिक सर्किट में रखा जाये- श्रीमती पटेल



लखनऊः 6 मार्च, 2020
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज राजभवन में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटन स्थल एवं पर्यटन सर्किट के विकास एवं प्रमोशन से संबंधित योजनाओं के प्रस्तुतीकरण हेतु आयोजित बैठक को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने सुझाव दिया कि आगरा के दयालबाग रोड को चैड़ा किया जाय, जिससे आवागमन सुगम हो। दयालबाग के आसपास के अतिक्रमण को हटायें और इसको आध्यात्मिक पर्यटन सर्किट में रखें। उन्होंने कहा कि आगरा में बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक ताजमहल देखने आते हैं। ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाय कि उनको दयालबाग के राधास्वामी मन्दिर भी जाने का अवसर मिले ताकि वे वहां की भव्यता और खूबसूरत नक्काशी (चित्रकारी) को भी देख सकंे। इससे राधा स्वामी मंदिर को भी विश्व पर्यटन मानचित्र पर उचित स्थान मिल सकेगा।
श्रीमती पटेल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पर्यटन की असीम सम्भावनाएं हैं। प्रदेश के पर्यटन स्थलों को मूलभूत सुविधाओं के साथ विकसित करने की आवश्यकता है। पर्यटन निगम अपने पर्यटक आवासों को सुदृृढ़ करें ताकि वहां रूकने वाले पर्यटक गर्व महसूस करें। उन्होंने कहा कि वर्ष 18-19 में 47 लाख विदेशी पर्यटक उत्तर प्रदेश में आये थे, लेकिन हमारा प्रयास एक करोड़ विदेशी पर्यटकों के आने का होना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि धार्मिक पर्यटन स्थलों पर वृद्धों के आने-जाने की सुविधा के लिए ई-रिक्शा या बैट्री चालित वाहन की व्यवस्था की जाये, जिससे वृद्धों को ज्यादा दूर तक पैदल न चलना पड़े। उन्होंने कहा कि मथुरा के गोवर्द्धन परिक्रमा स्थल पर वृद्धों के लिए गोल्फ कार्ट व ई-रिक्शा की सुविधा उपलब्ध कराई जाये। 
राज्यपाल ने कहा कि वाराणसी के घाटों की सीढ़ियों के स्टेप ऊंचे हैं, जिससे वृद्धों को नदी स्नान में कठिनाई होती है। इनके लिए वहां रैम्प की व्यवस्था उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। राज्यपाल ने कहा कि इसके साथ ही नदी में नावों से घूमने वालों को घाटों के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती है कि वे किस घाट पर खड़े हैं। इसके लिये वहां घाटों के नाम लिखें। ग्लोसाइन बोर्ड की व्यवस्था पर विचार करें ताकि नावों से भ्रमण करने वाले देशी-विदेशी पर्यटक नदी में से ही घाटों के बारे में आसानी से जान सकें। उन्होंने कहा कि नाविकों को एक गाइड की भूमिका में प्रशिक्षित किये जाने की आवश्यकता है। राज्यपाल ने इस बात पर भी जोर दिया कि वाराणसी के घाटों पर आरती अलग-अलग समय पर न हो। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाय की प्रत्येक घाट पर गंगा आरती का समय एक हो, इससे वहां का दृश्य और भव्य एवं मनोरम लगेगा। 
श्रीमती पटेल ने कहा कि नैमिषारण्य का एकीकृत विकास हो। नदी की ओर जाने वाली सड़क को चैड़ा करें, क्योंकि यहां बड़ी संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। राज्यपाल ने कहा कि पर्यटन विभाग फूड फेस्टिवल आयोजित करते समय अन्य प्रदेशों के मुख्य व्यंजनों को भी शामिल करे, जिससे पर्यटकों को उनके स्वाद का आनन्द मिल सके और उनके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें। राज्यपाल ने बैठक में केन्द्र सरकार के स्वदेश दर्शन स्कीम के अन्तर्गत स्वीकृत विभिन्न पर्यटन परिपथों के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक एवं अन्य पर्यटक सर्किट के सभी पर्यटन स्थलों का सभी सुविधाओं सहित विकास सुनिश्चित किया जाये। इससे न केवल देशी-विदेशी पर्यटक उत्तर प्रदेश में भ्रमण के लिए आकर्षित होंगे बल्कि यहां होटल एवं अन्य उद्योगों को आर्थिक लाभ भी होगा।
प्रमुख सचिव पर्यटन श्री जितेन्द्र कुमार ने राज्यपाल के समक्ष पर्यटन विभाग द्वारा प्रदेश में विकसित किये जा रहे पर्यटन स्थलों के बारे में प्रस्तुतीकरण दी।बैठक में उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 नीलकण्ठ तिवारी, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव श्री हेमन्त राव, प्रमुख सचिव पर्यटन श्री जितेन्द्र कुमार, सचिव पर्यटन रवि कुमार, संयुक्त निदेशक पर्यटन श्री अविनाश मिश्र, राज्यपाल के विशेष कार्याधिकारी (शिक्षा) श्री केयूर सम्पत सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।



राज्यपाल ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय की छात्राओं को ‘प्रतिभा सम्मान’ से किया सम्मानित 



शिक्षित होने के साथ-साथ बालिकाएं निडर भी बनें - राज्यपाल
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उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज यहां नेताजी सुभाष चन्द्र बोस राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि बेटियां चाहे घर में हों, कालेज में हो या कार्य स्थलों पर हों हर जगह उनका सम्मान होना चाहिए। यही हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी भी चाहते हैं। महिलाओं व बेटियों को जितना समाज से सहायता व प्रेरणा मिलनी चाहिए, उन्हें नहीं मिला है क्योंकि यदि उन्हें यह सब मिला होता तो आज ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ नारा देने की आवश्यकता नहीं पड़ती। दुःख की बात है कि आज भी बेटियों की भ्रूण हत्या हो रही है तथा बेटे और बेटी में अन्तर किया जा रहा है। 
राज्यपाल ने कहा कि आज भी हमारा समाज बेटियों को क्यों स्वीकार नहीं कर रहा है, जबकि वे हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। यहां तक कि विश्वविद्यालयों व कालेजों में विभिन्न विषयों में सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर बालकों की तुलना में अधिक गोल्ड मेडल हासिल कर रही हैं। यह स्थिति तब है, जब वे अध्ययन के साथ ही साथ घर का भी कार्य कर रही हैं। इसके बावजूद समाज में लड़कों को अधिक महत्व दिया जाता है।
राज्यपाल ने बालिकाओं की हौसला आफज़ाई करते हुए कहा कि यदि समाज में अपना अस्तित्व बनाये रखना है तो उन्हें शिक्षित होने के साथ-साथ निडर भी होना पड़ेगा क्योंकि उन्हें घर और बाहर हर जगह चुनौतियों का सामना करना है। आप शिक्षित होंगी तभी अपना भला-बुरा समझ सकेंगी। उन्होंने बालिकाओं का आह्वान किया कि वे दहेज मांगने वालों से शादी न करने का संकल्प लें तथा अपने खान-पान में पौष्टिक आहार को महत्व दें ताकि उनमें खून की कमी न होने पाये। 
इससे पहले राज्यपाल ने कालेज की छात्राओं द्वारा लगायी गयी विज्ञान प्रदर्शनी, हुनर हाट, जूट हस्त कला प्रदर्शनी का अवलोकन किया एवं प्रदर्शनी के विषय में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने रूसा के अनुदान से बनी ‘लाइब्रेरी आटोमेशन’ का उद्घाटन किया। उन्होंने विद्यालय परिसर में पौधा रोपण भी किया।
राज्यपाल ने प्रतिभा सम्मान समारोह में विभिन्न विषयों में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाली छात्राओं, सामाजिक सहभागिता, अनुशासन प्रियता, आचरणशीलता, हस्तकला में निपुणता, आज्ञापालन, आदि के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन एवं योगदान करने वाली 18 छात्राओं को प्रशस्ति पत्र एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
महाविद्यालय की प्राचार्य प्र्रो0 अनुराधा तिवारी ने कहा कि प्रतिभा सम्मान समारोह में ऐसी छात्राओं का चयन किया गया है, जिन्होंने जागरूक छात्रा होने के साथ-साथ शिक्षणेत्तर गतिविधियों , सामाजिक, सांस्कृतिक, पर्यावरणीय, अनुशीलन एवं अनुगमन पूर्ण व्यवहार से सभी को प्रभावित किया है।
इस अवसर पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 आलोक कुमार राय, आई0आई0एम0 लखनऊ के निदेशक प्रो0 बी0के0 मोहन्ती, डा0 विजय कर्ण, महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो0 अनुराधा तिवारी के अलावा महाविद्यालय के शिक्षक, छात्राएं एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।


 


 


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