पूल टेस्टिंग में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर लाॅकडाउन का कड़ाई से पालन कराने तथा वरिष्ठ अधिकारियों को स्वयं माॅनीटरिंग करने के निर्देश दिये:::~~योगी आदित्यनाथ




 











मुख्यमंत्री ने राजस्व प्राप्ति की समस्त सम्भावनाओं पर कार्य करने पर बल दिया प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए वृहद कार्ययोजना बनाई जाए: मुख्यमंत्री















 

महिला स्वयं सहायता समूह के लिए व्यापक 

स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाएं कोरोना की केमिस्ट्री को समझते हुए ट्रीटमेंट करने की आवश्यकता‘आयुष कवच-कोविड’ एप का व्यापक प्रचार-प्रसार कर लोगों को इसे डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए

 

18 करोड़ लोगों को तीन चरणों में खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया जो एक बहुत बड़ा कार्य, क्योंकि 18 करोड़ तो कई देशों की आबादी भी नहीं प्रदेश में कोविड-19 के मरीजों की रिकवरी की दर 42 प्रतिशत,जो रिकवरी के राष्ट्रीय औसत 29.2 प्रतिशत से लगभग 13 प्रतिशत अधिक

 

एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों के 52,000 बेड के क्षमता विस्तार के लक्ष्य के सापेक्ष 53,400 बेड की व्यवस्था मलेरिया, डेंगू सहित विभिन्न संचारी रोगों की प्रभावी रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाया जाए

 

गौ-आश्रय स्थलों को आय से जोड़ते हुए गोबर से कम्पोस्ट बनाकर खेतों में इस खाद का उपयोग किया जाए

लखनऊ: 09 मई, 2020


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने राजस्व प्राप्ति की समस्त सम्भावनाओं पर कार्य करने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से आर्थिक गतिविधियांे प्रभावित हुई हैं। इसलिए राजस्व वृद्धि के वैकल्पिक स्रोत चिन्हित करने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए वृहद कार्ययोजना बनाई जाए। महिला स्वयं सहायता समूह के लिए व्यापक स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाएं। इन समूहों की सदस्यों को रेडिमेड कपड़े तथा स्वेटर आदि तैयार करने के लिए प्रशिक्षित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना की केमिस्ट्री को समझते हुए ट्रीटमेंट करने की आवश्यकता है। यह भी महत्वपूर्ण है कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कोरोना से बचा जा सकता है। प्रदेश सरकार द्वारा लाॅन्च किए गए ‘आयुष कवच-कोविड’ एप में जड़ी-बूटियों पर आधारित आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से जुड़ी उपयोगी जानकारियों का समावेश किया गया है, जिन्हें अपनाकर लोग अपनी इम्युनिटी को विकसित कर सकते हैं। इसके दृष्टिगत ‘आयुष कवच-कोविड’ एप का व्यापक प्रचार-प्रसार कर लोगों को इसे डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कोविड-19 के खिलाफ जंग तथा इस महामारी से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सरकारी विभागों, निगमों एवं अन्य संस्थानों के कार्मिकों द्वारा किए जा रहे कार्य पर संतोष व्यक्त करते हुए आगे भी इसी प्रकार प्रतिबद्ध होकर कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि 18 करोड़ लोगों को तीन चरणों में खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा चुका है। यह एक बहुत बड़ा कार्य है, क्योंकि 18 करोड़ तो कई देशों की आबादी भी नहीं है।
बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि प्रदेश में कोविड-19 के मरीजों की रिकवरी की दर 42 प्रतिशत है। यह संख्या रिकवरी की राष्ट्रीय औसत
29.2 प्रतिशत से लगभग 13 प्रतिशत अधिक है। एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों के 52,000 बेड के क्षमता विस्तार के लक्ष्य के सापेक्ष 53,400 बेड की व्यवस्था कर ली गई हैं। पूल टेस्टिंग में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मेडिकल इंफेक्शन से सुरक्षा के लिए डाॅक्टरों तथा अन्य चिकित्सा कर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम लगातार संचालित किए जाएं। डिग्री व इण्टर काॅलेजों के प्रधानाचार्याें व शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जाए, जिससे यह लोग आमजन को जागरूक कर सकें। समस्त मेडिकल काॅलेजों के प्रधानाचार्यों तथा सभी जनपदों में डिप्टी सी0एम0ओ0 से भी नियमित संवाद किया जाए। सभी जनपदों में पी0पी0ई0 किट तथा एन-95 मास्क की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाओं के संचालन की अनुमति सम्बन्धित जिलाधिकारी तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी की कमेटी प्रदान करेगी। कमेटी यह सुनिश्चित करेगी कि इमरजेंसी सेवा प्रदान करने जा रहे चिकित्सालय में मेडिकल इंफेक्शन से सुरक्षा के सभी उपाय लागू हो गए हैं तथा अस्पताल की मेडिकल टीम को संक्रमण से बचाव के सम्बन्ध में प्रशिक्षित कर दिया गया है।  
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हाॅटस्पाॅट क्षेत्रों में प्रभावी रणनीति बनाकर उसे लागू किया जाए। डोर स्टेप डिलीवरी तथा सप्लाई चेन को सुदृढ़ रखा जाए। क्वारंटीन सेन्टर तथा आश्रय स्थल में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। क्वारंटीन सेन्टर को जियो टैग करने के कार्य में तेजी लायी जाए। विदेश से आए लोगों की मेडिकल स्क्रीनिंग करते हुए आवश्यकतानुसार उन्हें उपचारित किया जाए। उन्होंने लाॅकडाउन का कड़ाई से पालन कराने तथा वरिष्ठ अधिकारियों को स्वयं माॅनीटरिंग करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गर्मी व बरसात के मौसम में संचारी रोगों के प्रसार की सम्भावना रहती है। इसे ध्यान में रखकर संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण आवश्यक है। मलेरिया, डेंगू सहित विभिन्न संचारी रोगों की प्रभावी रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। उन्होंने इस सम्बन्ध में स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, ग्राम्य विकास, नगर विकास, पंचायती राज, बाल विकास, महिला कल्याण आदि विभाग को एक समन्वित व समग्र कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि निराश्रित गौ-वंश के संरक्षण के लिए संचालित गौ-आश्रय स्थलों को आय से जोड़ते हुए गोबर से कम्पोस्ट बनाकर खेतों में इस खाद का उपयोग किया जाए।
इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री श्री जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य राज्यमंत्री श्री अतुल गर्ग, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री संजीव मित्तल, पुलिस महानिदेशक श्री हितेश सी0 अवस्थी, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल तथा श्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज श्री मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव कृषि डाॅ0 देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव पशुपालन श्री भुवनेश कुमार, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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