आकाशीय बिजली/थण्डरस्टाॅर्म से होने वाली क्षति को  न्यूनतम किए जाने हेतु ठोस कार्य योजना बनाए जाने के निर्देश:::===पढें विस्तार से


तकनीक के माध्यम से पूर्व में ही लोगों को एलर्ट/चेतावनी दिए जाने की सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित की जाएराज्य सरकार आकाशीय बिजली व थण्डरस्टाॅर्म से होने वाली जनहानि को न्यूनतम किए जाने हेतु प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री


व्यापक सर्वेक्षण करते हुए आकाशीय बिजली से प्रभावित होने वाले जनपदों के सम्बन्ध में कार्य योजना बनायी जाएचेतावनी व मौसम सम्बन्धी पूर्वानुमान को जनसाधारण तक पहुंचाना अत्यन्त आवश्यक शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्वानुमान व चेतावनी के सम्बन्ध में जानकारी दिए जाने के निर्देशमुख्यमंत्री के समक्ष आकाशीय बिजली/थण्डरस्टाॅर्म से होने वाली क्षति (जनहानि/पशुहानि) को न्यूनतम करने हेतु एक्शन प्लान का प्रस्तुतीकरण


लखनऊ: 15 जून, 2020


 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आकाशीय बिजली/थण्डरस्टाॅर्म से होने वाली क्षति को न्यूनतम किए जाने हेतु ठोस कार्य योजना बनाए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में विगत वर्षों का डाटा एकत्रित करते हुए जनहानि के कारणों का भी पता लगाया जाए। तकनीक के माध्यम से पूर्व में ही लोगों को एलर्ट/चेतावनी दिए जाने की सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। राज्य सरकार आकाशीय बिजली व थण्डरस्टाॅर्म से होने वाली जनहानि को न्यूनतम किए जाने हेतु प्रतिबद्ध है। 


 मुख्यमंत्री जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आकाशीय बिजली/थण्डरस्टाॅर्म से होने वाली क्षति (जनहानि/पशुहानि) को न्यूनतम करने हेतु एक्शन प्लान बनाए जाने के सम्बन्ध में बैठक की। इस सम्बन्ध में उ0प्र0 राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण और राहत आयुक्त कार्यालय, उ0प्र0 द्वारा प्रस्तुतीकरण दिया गया। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्व सूचना प्रणाली व पूर्व तैयारी के साथ, जन-धन हानि को न्यूनतम करने के लिए समन्वित रणनीति तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि एक व्यापक सर्वेक्षण करते हुए आकाशीय बिजली से प्रभावित होने वाले जनपदों के सम्बन्ध में कार्य योजना बनायी जाए। 


 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि चेतावनी व मौसम सम्बन्धी पूर्वानुमान को जनसाधारण तक पहुंचाना अत्यन्त आवश्यक है। रेडियो, टी0वी0, मोबाइल तथा समाचार पत्रों आदि के माध्यम से लोगों को अवगत कराया जाए। जनसामान्य को यह भी बताया जाए कि थण्डरस्टाॅर्म/लाइटनिंग के समय किन सावधानियों को अपनाया जाना जरूरी है और बचाव के क्या उपाय हैं। साथ ही, लाइटनिंग से क्षति को रोके जाने के सम्बन्ध में प्रशिक्षण की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने कहा कि जनजागरूकता के कार्यक्रमों को व्यापक स्तर पर चलाए जाने की आवश्यकता है, जिससे जनसाधारण और प्रशासनिक प्रणाली, सभी को इसके लिए जागरूक किया जा सके। उन्होंने शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक स्तर पर पूर्वानुमान व चेतावनी के सम्बन्ध में जानकारी दिए जाने के निर्देश दिए।


 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा दी जाने वाली चेतावनी को शीघ्रता के साथ सभी तक पहुंचाए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने आपदा से बचाव और प्रबन्धन को बेसिक व माध्यमिक शिक्षा के पाठ्यक्रमों में सम्मिलित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लाइटनिंग एलर्ट के सम्बन्ध में मोबाइल एप विकसित करते हुए इसके प्रयोग एवं प्रचार-प्रसार पर भी कार्य किया जाए। सामूहिक प्रयासों और जनसहयोग के आधार पर लाइटनिंग के सम्बन्ध में समुदाय व तकनीक आधारित रणनीति का विकास किया जाए, जिससे लोगों का जीवन सुरक्षित रहे। 


 इस अवसर पर उ0प्र0 राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष जनरल आर0पी0 शाही, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक श्री एच0सी0 अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज श्री मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव नगर विकास श्री दीपक कुमार, प्रमुख सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल एवं श्री संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


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