गऊ माता को राज्य माता का दर्जा

 









लोक परमार्थ सेवा समिति की उपाध्यक्ष किरन बाला शर्मा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को विश्व महिला दिवस की पूर्व संध्या पर पत्र भेजकर गऊ माता को राज्य माता का दर्जा दिये जाने के साथ-साथ भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में शिक्षा पाठ्यक्रम में संस्कार को प्राइमरी से स्नातक तक विषय के रूप में शामिल करने की मांग की है।




समिति की प्रवक्ता श्रीश शर्मा ने बताया कि उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि गऊ माता सनातन धर्म की मूल आधार है। गऊ का दूध अमृत तुल्य है। गऊ माता के दूध में व जननी मां के दूध में एक ही तत्व पाया जाता है। गऊ माता इतनी महान होने के बाद भी कूड़ाघरों के पास कूड़ा खाने को विवश है। इसलिए गऊ माता को राज्य माता का दर्जा तुरंत मिलना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि भारतवर्ष में इतना सख्त कानून होने के बाद भी महिलाओं व छोटी-छोटी कन्याओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं समय-समय पर होती रहती हैं। इसका मुख्य कारण युवाओं में संस्कारों की कमी है। 

ऐसी स्थिति में उत्तर प्रदेश के शिक्षा पाठ्यक्रम में प्राइमरी से स्नातक तक संस्कार को विषय के रूप में शामिल किया जाना चाहिए।

 

 




 



 



 



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