कोरोना के खिलाफ जंग में आई0एम0ए0 के डाॅक्टरों ने अपना योगदान दिया इस जंग को निजी चिकित्सकों के सहयोग से जीतने में आसानी होगी:::~~ मुख्यमंत्री




मुख्यमंत्री ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न जनपदों के इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्यों व जिलों में तैनात चिकित्सकों को सम्बोधित किया














 

लोगों को बेहतर व गुणात्मक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना आवश्यक निजी अस्पताल अपने सम्बन्धित जनपद में जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करते हुए नाॅन कोविड इमरजेंसी सेवाएं उपलब्ध कराएं

 

निजी अस्पतालों में पी0पी0ई0 किट्स, एन-95 मास्क, सैनिटाइजर की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सनिश्चित की जाए आयुष्मान भारत के तहत निर्धारित दरों पर मरीजों का इलाज करने वाले सूचीबद्ध अस्पतालों, नर्सिंग होम को राज्य सरकार पी0पी0ई0 किट्स पर 50 प्रतिशत सब्सिडी उपलब्ध कराएगी

 

आयुष्मान भारत योजना के तहत रजिस्टर्ड 

अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन 06 माह के लिए बढ़ाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को कोरोना के सम्बन्ध में निर्धारित प्रोटोकाॅल का अनुपालन करने वाले निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम को तत्काल आॅपरेशन तथा अन्य आवश्यक चिकित्सा शुरू करने की अनुमति देने के निर्देश दिए

 

राज्य सरकार पूरी दुनिया में कोरोना से लड़ने के लिए उपलब्ध बेस्ट टेक्नोलाॅजी प्रदेश लाने का प्रयास कर रही है 



लखनऊ: 13 मई, 2020



     उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न जनपदों के इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्यों व जिलों में तैनात चिकित्सकों को सम्बोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग में आई0एम0ए0 के डाॅक्टरों ने अपना योगदान दिया है। इस जंग को निजी चिकित्सकों के सहयोग से जीतने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि लोगों को बेहतर व गुणात्मक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना आवश्यक है। 

     मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग में जनता ने डाॅक्टरों, पैरामेडिक्स, नर्सों तथा अन्य स्टाफ के योगदान को पहचाना और उन्हें सम्मान दिया है। उन्होंने निजी अस्पतालों का आह्वान करते हुए कहा कि वे अपने सम्बन्धित जनपदों में जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करते हुए नाॅन कोविड इमरजेंसी सेवाएं उपलब्ध कराएं। उन्होंने जिला प्रशासन से निजी अस्पतालों/डाॅक्टरों के साथ सहयोग करने के लिए कहा है। 

     मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इमरजेंसी सेवाएं शुरू करने से पहले सभी निजी चिकित्सालय, नर्सिंग होम इत्यादि अपने-अपने डाॅक्टरों, पैरामेडिक्स, नर्सों, वाॅर्ड बाॅय तथा अन्य स्टाफ को कोरोना से बचाव के सम्बन्ध में प्रशिक्षण दिलवाएं। निजी अस्पतालों में पी0पी0ई0 किट्स, एन-95 मास्क, सैनिटाइजर इत्यादि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत के तहत निर्धारित दरों पर मरीजों का इलाज करने वाले सूचीबद्ध अस्पतालों, नर्सिंग होम इत्यादि को राज्य सरकार पी0पी0ई0 किट्स 50 प्रतिशत सब्सिडी पर उपलब्ध कराएगी। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना के तहत रजिस्टर्ड अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन 06 माह के लिए बढ़ाने के निर्देश प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को दिए। 

     मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी निजी अस्पताल, नर्सिंग होम इत्यादि इमरजेंसी सेवाओं को राज्य सरकार द्वारा निर्धारित एस0ओ0पी0 के अनुसार संचालित करें। कोरोना से बचाव के सम्बन्ध में सभी सावधानियां बरती जाएं तथा सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन किया जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को कोरोना के सम्बन्ध में निर्धारित प्रोटोकाॅल का अनुपालन करने वाले निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम को तत्काल आॅपरेशन तथा अन्य आवश्यक चिकित्सा शुरू करने की अनुमति देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों को अपने संस्थान के संचालन के दौरान कम्युनिटी स्प्रेड को हर हाल में रोकना होगा। 

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि निजी अस्पतालों की इमरजेंसी सेवाओं में पहुंचने वाले मरीजों की प्राॅपर स्क्रीनिंग की जाए। कोरोना की ऐसी टेस्टिंग पद्धति अपनायी जाए, जिसमें परिणाम कम समय में मिले। यदि किसी निजी अस्पताल में कोई कोरोना पाॅजिटिव मरीज पहुंचे तो ऐसी दशा में अस्पताल तुरन्त जिला प्रशासन को सूचित करे और मरीज को कोविड हाॅस्पिटल भेजने की व्यवस्था करे। इसके अलावा, निजी अस्पताल को एक दिन के लिए बंद करते हुए उसे 24 घण्टे में दो बार सैनिटाइज किया जाए। इसके बाद सेवाएं पुनः प्रारम्भ की जाएं। अस्पताल के डाॅक्टरों और स्टाफ की भी जांच की जाए। 

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनता को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने में निजी क्षेत्र के अस्पतालों, नर्सिंग होम इत्यादि की बड़ी भूमिका है। अतः सभी निजी अस्पताल, नर्सिंग होम कोरोना प्रोटोकाॅल को लागू करते हुए अपने-अपने संस्थानों को संचालित करें और यह सुनिश्चित करें कि कोरोना के कारण अन्य गम्भीर रोगियों का इलाज न रुके। अतः इमरजेंसी सेवाएं प्रोटोकाॅल और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए संचालित की जाएं। 

    मुख्यमंत्री जी ने सभी जिला प्रशासन को अपने-अपने जनपदों में पी0पी0ई0 किट्स, मास्क, सैनिटाइजर की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने आई0एम0ए0 के डाॅक्टरों को कोरोना संक्रमण के सम्बन्ध में आगाह करते हुए कहा कि मेडिकल इन्फेक्शन, सब्जी मण्डियों तथा प्रदेश में आने वाले आगन्तुकों, जिनमें प्रवासी श्रमिक शामिल हैं, से कोरोना फैलने की सम्भावना है। उन्होंने कहा कि अब तक उत्तर प्रदेश में 12 लाख श्रमिकों का आगमन हो चुका है। उन्होंने प्रदेश में एल-1, एल-2, एल-3 कोरोना बेड्स की संख्या बढ़ाने पर भी बल दिया। उन्होंने जिला प्रशासन को निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम के संचालकों से संवाद स्थापित करने के लिए भी कहा। वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान उन्होंने विभिन्न जनपदों के निजी अस्पताल संचालकों तथा आई0एम0ए0 के पदाधिकारियों से भी जानकारी प्राप्त की। 

     मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लाॅक डाउन-3 आगामी 17 मई को समाप्त हो रहा है। परन्तु अभी लाॅक डाउन-4 सम्भावित है। कोरोना से लड़ने के लिए हम सभी को एकजुटता के साथ काम करना होगा। इसके लिए चरणबद्ध ढंग से काम करना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना टेस्टिंग के लिए 26 लैब स्थापित की हैं। आज पूरे प्रदेश में 05 हजार टेस्ट प्रतिदिन हो रहे हैं। लैब की संख्या बढ़ाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार पूरी दुनिया में कोरोना से लड़ने के लिए उपलब्ध बेस्ट टेक्नोलाॅजी प्रदेश लाने का प्रयास कर रही है। 

     इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश खन्ना, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री जय प्रताप सिंह, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री रजनीश दुबे, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 

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