:ब्रेकिंग:--👉👉कोविड की अब तक लड़ाई में हमारी टीम-11 ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया, बदलती परिस्थितियों के दृष्टिगत एक नई टीम-09 का गठन किया गया::==(मुख्यमंत्री) पढें पूरी खबर

*कोविड-19 प्रबंधन हेतु नवगठित टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश*

- कोविड की अब तक लड़ाई में हमारी टीम-11 ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। टीम वर्क का ही परिणाम है कि कोविड की पिछली लहर में उत्तर प्रदेश सुरक्षित रहा। बदलती परिस्थितियों के दृष्टिगत एक नई टीम-09 का गठन किया गया है।09 वरिष्ठ अधिकारियों की यह टीम राज्य स्तर पर कोविड प्रबंधन से जुड़े कार्यों को देखेगी। नीतिगत निर्णय लेगी और उसे लागू करा सकेगी। टीम-11 की तरह ही यह टीम-09 सीधे मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करेगी। आपदा की इस घड़ी में हम सभी जनहित में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देना सुनिश्चित करेंगे।

- नवगठित टीम 09 में चिकित्सा शिक्षा मंत्री की टीम द्वारा कोविड बेड्स, मानव संसाधन की उपलब्धता, प्रशिक्षण और टीकाकरण से जुड़े कार्य संपादित कराए जाएंगे। इसमें अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा भी शामिल होंगे। स्वास्थ्य मंत्री की टीम मेडिकल किट, टेस्टिंग और स्वास्थ्य सुविधाओं की बढ़ोतरी से जुड़े कार्यों के प्रति जवाबदेह होगी। इसमें राज्य मंत्री स्वास्थ्य और एसीएस हेल्थ भी होंगे। टीम 09 में तीसरे सदस्य के रूप में मुख्य सचिव होंगे। यह भारत सरकार के साथ समन्वय से जुड़े कार्यों/पत्राचार आदि का निर्वहन करेंगे। साथ ही, आइसीसीसी की मॉनिटरिंग भी इनकी जिम्मेदारी होगी। चौथे सदस्य एसीएस होम होंगे, जो प्रदेश में ऑक्सीजन की सुचारु उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख सचिव एफएसडीए और प्रमुख सचिव परिवहन के सहयोग से कार्य करेंगे। कंटेनमेंट ज़ोन, लॉ एंड ऑर्डर, साप्ताहिक बन्दी, कोविड प्रोटोकॉल के अनुपालन के लिए डीजीपी के नेतृत्व में कार्य होगा। छठवीं टीम एसीएस ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज की होगी, जो स्वच्छता, फॉगिंग, सैनिटाइजेशन और निगरानी समितियों की मॉनिटरिंग करेगी। इसी प्रकार कृषि उत्पादन आयुक्त की जवाबदेही गन्ना, खाद्यान्न वितरण, पशुपालन और कृषि आदि संबंधित कार्यों के सुचारू क्रियान्वयन की होगी। 08वें सदस्य के रूप में आईआईडीसी होंगे, यह प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों के सुगम क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार होंगे। औद्योगिक इकाइयों से इनका सीधा संवाद होगा। 09वीं सदस्य के रूप के एसीएस राजस्व को शामिल किया गया है। यह प्रवासी श्रमिकों से जुड़े प्रबंधन के प्रति जिम्मेदार होंगी। इसके अतिरिक्त, अपर मुख्य सचिव सूचना टीम-09 के साथ समन्वय स्थापित करते हुए जनहित में व्यापक प्रचार-प्रयास सुनिश्चित कराएंगे।

- विगत 24 घंटे में कोविड संक्रमण के 34,626 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 32,494 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं। 'टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट' के सिद्धांत को ईमानदारी से लागू करने का ही परिणाम है कि प्रदेश के रिकवरी दर में लगातार सुधार हो रहा है। सभी प्रदेशवासी कोविड विहैवियर को जीवनशैली में शामिल करें। 

- बीते 24 घंटे में प्रदेश में 02 लाख 44 कोविड टेस्ट हुए हैं।इसमें 01 लाख 08 हजार केवल आरटीपीसीआर टेस्ट शामिल हैं। इस क्षमता को और विस्तार दिए जाने की जरूरत है। प्रयोगशालाओं की क्षमता को बढ़ाया जाए। ट्रेसिंग को और बेहतर किये जाने की जरूरत है।

- प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से एक मई से 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का कोविड टीकाकरण प्रारम्भ हो रहा है। वैक्सीनेशन के लिए ऑनलाइन पंजीयन अनिवार्य है। सम्बंधित आयु के लोग अपना जरूर पंजीयन करा लें। टीकाकरण केंद्रों पर कोविड प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा जाए।

- प्रदेश के किसी अस्पताल में किसी भी मरीज को भर्ती होने के लिए किसी भी प्रकार के रेफरल लेटर की कोई आवश्यकता नहीं है। कोई भी मरीज सुविधानुसार किसी भी सरकारी अथवा निजी अस्पताल में इलाज के लिए एडमिट हो सकता है। यह व्यवस्था प्रभावी ढंग से लागू को जाए। बेड रिक्त होने पर कोई कोविड हॉस्पिटल (निजी और सरकारी) मरीज को इनकार नहीं कर सकता। निजी असप्ताल में यदि कोई मरीज इलाज का खर्च दे पाने में असमर्थ है तो राज्य सरकार उसका भुगतान करेगी।सभी कोविड अस्पतालों में बेड की उपलब्धता के बारे में आइसीसीसी के पास विधिवत जानकारी होनी चाहिए।

- सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में क्रियाशील सीएचसी की व्यवस्थाओं को और बेहतर किया जाए। यहां प्राथमिकता के आधार पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराया जाए। प्रत्येक जिले में दो सीएचसी को कोविड डेडिकेटेड अस्पताल के रूप में तैयार किया जा रहा है। यह कार्य तेजी से पूरा किया है। यहां सभी जरूरी चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।

- प्रदेश के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 20-20 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। इसके लिए वित्तीय प्रबन्ध करा दिए गए हैं। प्रदेश में ऑक्सीजन की सुचारु उपलब्धता सुनिश्चित कराने की दिशा में यह महत्वपूर्ण प्रयास होगा। इसके लिए देश के भीतर उपलब्ध आपूर्तिकर्ता कंपनियों के साथ-साथ बाहरी कंपनियों से भी आवश्यकतानुसार संपर्क किया जाए।

- भारत सरकार द्वारा 1500 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मुहैया कराए गए हैं, इन्हें जिलों में उपलब्ध करा दिया गया है। इसके अलावा, पीएम केयर्स के माध्यम से और भी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

- रेमेडेसीवीर इंजेक्शन की प्रदेश में उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। सभी जिलों को हर दिन रेमेडेसीवीर उपलब्ध कराई जा रही है। सरकारी अस्पतालों में यह दवा निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है, निजी अस्पतालों को जरूरत पर इसकी आपूर्ति कराई जा रही है। जिला प्रशासन इस दवा की मांग,आपूर्ति और खपत का पूरा विवरण जरूर रखें।

- विशेषज्ञ चिकित्सकों का पैनल गठित करें। लोगों को सही जानकारी दी जाए। किसे अस्पताल में भर्ती होना जरूरी है, किसे रेमेडेसीवीर की जरूरत है और किन मरीज को ऑक्सीजन की अनिवार्यता है। अनावश्यक भय और अज्ञानता के कारण लोग इन आवश्यक चीजों के संग्रहण कर रहे हैं। इससे व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। 

- हमें हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा। वर्तमान में 1,16,000 से अधिक एल-1 के बेड्स हैं तो एल-टू व एल-3 के 65,000 से अधिक बेड हैं। इसे दोगुना किये जाने की जरूरत है।सभी जिलों में दो-दो सीएचसी को कोविड डेडिकेटेड अस्पताल के रूप में तैयार किया जा रहा है।सरकारी अस्पतालों में संसाधन बढ़ाये जा रहे हैं, इसके साथ-साथ निजी अस्पतालों/मेडिकल कॉलेज को भी इसमें जोड़ा जाए।कोविड बेड को वर्तमान क्षमता से दोगुनी करने की कार्यवाही हो। सभी बेड पर ऑक्सीजन आदि जरूरी चिकित्सा संसाधनों की उपलब्धता होनी चाहिए। चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग इस कार्य को शीर्ष प्राथमिकता के साथ पूरा कराए।

- कोविड संक्रमण के दृष्टिगत प्रदेश में कक्षा एक से 12वीं तक के सभी विद्यालयों में 10 मई तक अवकाश रखा जाए। कोचिंग संस्थाएं भी बंद रहेंगी। ऑनलाइन कक्षाएं भी स्थगित रखी जाएं। 

- शुक्रवार रात्रि 08 बजे से मंगलवार प्रातः 07 बजे तक तक के साप्ताहिक कोरोना कर्फ्यू को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। इस अवधि में औद्योगिक गतिविधियां यथावत संचालित होती रहें। टीकाकरण के लिए आवागमन करने वालों को भी छूट दी जाएगी। इसके अलावा केवल आवश्यक सेवाएं जारी रहेगी। आवश्यकतानुसार पास जारी किया जा सकता है। 

- मरीजों के परिजनों को हर दिन उनके मरीज के स्वास्थ्य की जानकारी जरूर दी जाए। सभी सरकारी और निजी अस्पताल में यह व्यवस्था प्रभावी ढंग से लागू की जाए। मुख्य सचिव कार्यालय इस व्यवस्था की समीक्षा करें।

- ऑक्सीजन की आपूर्ति और बेहतर किये जाने की आवश्यकता है। हर दिन बेहतर होती जा रही है। लागातर प्रयासों से आज प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में ऑक्सीजन की उपलब्धता कराई जा रही है। लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी जैसे अधिक संक्रमण वाले जिलों में स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। आगरा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। इसी प्रकार, बलिया, चंदौली, अमरोहा, बिजनौर, लखीमपुर, बहराइच जैसे जिलों की ओर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। इन्हें संबंधित मंडलों से आपूर्ति कराई जाए।

- ऑक्सीजन के संतुलित उपयोग के दृष्टिगत ऑक्सीजन ऑडिट की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर आपूर्ति-वितरण के संबंध में आगे की कार्यवाही की जाए। किसी भी मेडिकल कॉलेज/अस्पताल में ऑक्सीजन का अनावश्यक उपयोग न हो। अब पश्चिम बंगाल के तीन क्षेत्रों और जमशेदपुर से भी आपूर्ति हो रही है। दो नई ऑक्सीजन रेल संचालित की जा रही है। उद्योग जगत से भी सहयोग प्राप्त हो रहा है।

- ऑक्सीजन टैंकरों की उपलब्धता बढ़ाये जाने के लिए सभी प्रयास किये जा रहे हैं।विदेश से भी टैंकरों की आपूर्ति है। उद्योग जगत से भी सहयोग मिल रहा है। ऐसे में आपूर्ति के लिए टैंकरों की संख्या भी बढ़ी है।सभी ऑक्सीजन टैंकर जीपीएस से लैस रहें। उनकी लाइव मॉनिटरिंग की जाए।

- कोविड कार्य में आवश्यकता के अनुसार मानव संसाधन की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। मेडिकल/नर्सिंग/फार्मेसी के अंतिम वर्ष के छात्रों का सहयोग लिया जाए। एक्स आर्मी मैन, सेवानिवृत्त मेडिकल स्टाफ की सेवाएं ली जानी चाहिए।

- आयुष विभाग द्वारा जागरूकता प्रसार के दृष्टिगत विशेष प्रयास किये जाने की जरूरत है। घर-घर आयुष काढ़ा उपलब्ध कराया जाए। इम्यूनिटी बढ़ाने के संबंध में आयुष विधियों के सरल उपायों से लोगों को अवगत कराया जाना चाहिए। आयुष कवच एप का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।

- स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग कार्य युद्ध स्तर पर किया जाए। इसके लिए फायर विभाग के वाहनों का भी उपयोग किया जाए। मास्क के अनिवार्य उपयोग के सम्बन्ध में प्रवर्तन की कार्यवाही प्रभावी ढंग से जारी रखी जाए। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में निगरानी समिति पूरी सक्रियता से कार्य करें।

- होम आइसोलेशन में इलाजरत लोगों की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाए। सीएम हेल्पलाइन 1076 से इन लोगों से हर दिन संवाद बनाया जाए। तय प्रोटोकॉल के अनुरूप इन्हें दवाओं का मेडिकल किट उपलब्ध कराया जाए। मेडिकल किट वितरण में निगरानी समितियों की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है। इनसे लागातर संवाद बनाते हुए व्यवस्था को सुचारू रखा जाए।

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